कर्नाटक एक बेहद खूबसूरत राज्य है। जिसकी विशेषता बड़े बड़े झरने, मसाले के जंगल, रबर प्लांट्स, कॉफी बागान, मैसूर सिल्क, चन्दन और प्राचीन मंदिर हैं। बंगलुरु कर्नाटक की व्यावसायिक राजधानी है और यही से करीब 180 किलोमीटर दूर होगेनक्कल वॉटर फॉल पड़ता है। जिसकी सीमाए कर्नाटक तथा तमिलनाडू दोनों से लगती हैं।
ये फाल एक गाँव में है जिसका नाम होगेनक्कल है। ये जिला धरमपुरी पड़ता है और तमिलनाडू की सीमा से लगता है इसीलिए यहाँ इंटर स्टेट टोल पास बनवाना पड़ता है।
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होगेनक्कल पहुँचने के समय और दूरी में आपके अपनाए गए रास्ते का अंतर पड़ता है। यदि आप स्टेट हाइवे से जाए तो 155 किलोमीटर, नेशनल से करीब 180 पड़ता है सो हमें वहाँ पहुंचने में 4 घंटे लगे थे।
होगेनक्कल सिर्फ अपने वाहन से जाया जा सकता है सो हमने रात में ही गाड़ी बुक कर ली थी। सुबह gozo cab से 5;45 पर सफ़र शुरू हुआ और करीब चार घंटे में 9;15 पर वहाँ पहुंचे। यहाँ कोई बाजार नहीं है लेकिन कुछ दुकानें हैं जिनमें बेहद सस्ती, गरम, ताजी इडली, केले के पत्ते में बिलकुल औथेंटिक तरीके से मिलती है। चारों तरफ सिर्फ गोल काले कोरेकल दिखते हैं जो कि बेहद लुभावने और अद्भुत लगते हैं। कोरेकल एक बड़ी सी गोल डलिया ( बास्केट बोट ) की तरह से बनी नाव को कहते हैं। ये बांस से बुनी होती हैं फिर इनपर तारकोल की लिपाई करके छेद बंद करते हैं। उसके ऊपर पोलिथीन को गरम करके वॉटर प्रूफ बनाते हैं ताकि पानी से लकड़ी सड़ने न पाए और पानी भी नाव के अंदर न आए और ये नाव नदी में तैरने लगती है।
आप यहाँ जैसे ही अपनी कार पार्किंग में लगाएंगे वैसे ही कई लोग मसलन ताजी मछ्ली पका कर खिलाने वाले, कोरेकल वाले तथा मालिश वाले पीछे लग जाते हैं। आप वहाँ पूरे दिन के लिए जाएँ ताकि पूरा लुत्फ़ ले सकें। आराम से मालिश कराएं, कोरेकल फेरी का मजा लें और नदी में नहाए। नहाने पर कोई रोकटोक नहीं है, होगेनक्कल अपने मेडिसिनल बाथ के लिए भी जाना जाता है बस ध्यान रखें कि कावेरी बहुत गहरी और खतरनाक है लेकिन नहाने का घाट उथला और सुरक्षित है, उसी पर नहाएँ।
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काउंटर से नाँव की सरकारी पर्ची रु 450 की कटती है जिसमें नाविक समेत चार लोग बैठ सकते हैं बाकी खेल बाद में शुरू होता है। सरकारी पर्ची पर एक छोटे से झरने तक ले जाते हैं जो कि बहुत रोमांचक है लेकिन आगे की खूबसूरती और भी ज्यादा लुभाती है।
नाविक बड़े झरने तक ले जाने और पैदल चलने पर तमिलनाडु तथा कर्नाटक की मिली हुई सीमा पर झरने का उद्गम दिखाने की पेशकश करता है जहां एक पुल भी है जो बाढ़ से टूट गया है लेकिन फोटो लेने के लिए पिक्चर परफेक्ट बनाता है। वहाँ तक जाने का अतिरिक्त शुल्क नाविक रु 1000 बताता है।
साथ में तमिल भाषी ड्राइवर भी था जो यकीन दिलाता है कि इतना मेहनताना बनता है और कावेरी इतनी खूबसूरत है कि आप हाँ कर देते हैं| हमने रु 700 में सौदा सेटल किया और ये सब देखने में करीब दो घंटे का वक़्त लगा। बेहद उम्दा शॉट्स भी मिले। वहाँ जाएँ तो पूरा फाल देखकर आयें, कुछ पैसे के लिए बेहतरीन नजारों से वंचित न रह जाएँ। लेकिन उसके लिए छोटे बच्चे और बुजुर्ग न जाएँ।
बेहद अद्भुत नजारे जिन्हें आपने पहले कहीं नहीं देखा होगा। एक के बाद एक बड़े झरने, ठीक झरने के नीचे कोरेकल को चक्कर दिलाते नाविक दुनिया भुला देते हैं जिसे वो अपना टोटका भी कहते हैं। बीच नदी के पत्थरों पर ध्यान लगाए आपको मछली मारते लोग मिल जाएंगे और किनारों पर अपना स्टोव जलाए मछ्ली पकाती औरतें भी। ये सब खूब खूबसूरत फोटो बनते हैं। हो सके तो नदी में जाते समय अपने लिए छाता ले जाएँ, धूप से भी बचे रहेंगे और ठीक झरने के नीचे जाकर जब नाविक तेज धार के नीचे कोरेकल लगा देते हैं तो भीगेंगे भी नहीं। नदी में धूप बहुत तेज लगती है।
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जाते समय नाविक गहरी कावेरी से होकर, छोटे बड़े कई फाल दिखाते हुए कोरेकल से ले जाते हैं लेकिन वापस आते समय आधा रास्ता नाव से तथा आधा चलकर पार करवाते हैं, इसी जगह पर मालिश और नहाना होता है। वो रास्ता भी विशाल पेड़ों भरे, उथले पानी के नजारों के साथ बेहद दिलकश होता हैं। आप हर बात पर कैमरा निकालने को मजबूर हो जाएंगे ये मेरा दावा है। बारिश के मौसम में यहाँ जाने से बचें।
धरमपुरी,कर्नाटक का 66 फिट / 20 मीटर ऊंचा जल प्रपात, जिसके नीचे कोरेकल लेजाकर नाविक पर्यटकों को पानी से भिगो देते हैं ताकि यहां आने की स्मृति कभी धूमिल न हो।
वीडियो में देखिये वो अभूतपूर्व अनुभव ।
खर्च
टैक्सी | 3900 रुपया |
इंटर सिटी परमिट | 450 रुपया |
कोरेकले | 1500 रुपया |
ओवर फ़्लाइ टैक्स | 70 रुपया |
टोल | 45 रुपया |
पार्किंग | 30 रुपया |
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1 Comment
shashi kandpal · July 10, 2021 at 9:04 pm
Can’t forget hogenakkal… must visit place.